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रामप्रस्थ ग्रींस, वैशाली, गाजियाबाद जिला के रॉयल पार्क सोसायटी में रिसोर्स मैनेजमेंट पर परिचर्चा

कल, रविवार, 24 सितम्बर को रामप्रस्थ ग्रींस, वैशाली, गाजियाबाद जिला के रॉयल पार्क सोसायटी में रिसोर्स मैनेजमेंट पर एक जागरूक परिचर्चा हुई।

परिचर्चा में  विशेष बल दिया गया कि कैसे हर घर ज़ीरो वेस्ट मैनेजमेंट की तरफ बढ़े। हर घर से गीला और सूखा कचरा वहीं अलग हो जाए। इस तरह हम शहरी कचरे के पहाड़ों के लिए ज़िम्मेदार ना हों।

पर्यावरणीय मुद्दों पर बात करने वाली रिसोर्स मैनेजमेंट टीम की तरफ़ से डॉ अर्चना प्रमोद, मेधा जोशी, सरिता सक्सेना, मुक्ता अग्रवाल और विराट रस्तोगी ने कार्यक्रम में शिरकत की।

सामूहिक शक्ति के रूप में  ये लोग अपने आस-पास कचरा प्रबंधन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता प्रसारित करने में जुटे हुए हैं। धीरे-धीरे समाज का एक बड़ा हिस्सा अब इनका साथ दे रहा है। रविवार को हुई परिचर्चा खासकर 'घर से ही हो कचरा अलग-अलग' पर केंद्रित रही।  इस दिशा में लोगों की आदतें बदल भी रही हैं।

रॉयल पार्क सोसाइटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष डॉ कमल कुमार जी के आमंत्रण पर रिसोर्स मैनेजमेंट टीम ने अपने अनुभव वहाँ के प्रतिबद्ध रहवासियों के साथ साझा किए।

वर्तमान मे डॉ वार्ष्णेय कमल के नाम से यूट्यूब चलाने वाले  कमल कुमार दुनिया की जानी मानी मैंथॉल फ्लेवर एंड फ्रैगरैंस कंपनी के एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर रह चुके हैं। फोटोग्राफी में भी इनकी  ख़ास पकड़ है।

रिसोर्स मैनेजमेंट की परिचर्चा के खा़स मौके पर अशोक मोंगा  साहब ने आशीष प्रियदर्शी  को रामप्रस्थ ग्रींस में चल रही अलग-अलग ड्राइव्स में सक्रिय भागीदारी के लिए सम्मानित किया। एक आईटी कंपनी में सीनियर प्रौडक्ट मैनेजर के रूप में कार्यरत  आशीष प्रियदर्शी का शुरू से ही प्रकृति की सेवा के प्रति झुकाव रहा है। बंगलुरु से रामप्रस्थ ग्रींस आकर जैसे  ही उन्हें मन मुताबिक परिस्थितियां मिलीं, वे जागरूक भागीदारी निभाने लगे।  आशीष नियमित रूप से  प्लास्टिक वेस्ट ड्राइव,पेपर वेस्ट ड्राइव,ई-वेस्ट ड्राइव,गूंज,और गिव मी ट्रीस के साथ होने वाली पर्यावरण गतिविधि में शामिल होते हैं।

आशीष प्रियदर्शी को सम्मानित करने वाले अशोक‌ मोंगा नामी गिरामी कंपनी में चीफ़ जनरल मैनेजर के पद पर रह चुके हैं। फिलहाल अशोक मोंगा उत्तरी दिल्ली की एक बड़ी कंपनी में चीफ इंजीनियरिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उदार दिल वाले अशोक मोंगा अपनी व्यस्तताओं के बावजूद इन सभी ड्राइव्स में अपनी सक्रिय भूमिका अवश्य निभाते हैं।

सफलता पूर्वक जीवन बिताते हुए इन सभी की विशेष अभिलाषा प्रकृति सेवा की रही है।

समझने वाली बात है कि अपनी व्यस्तताओं के बावजूद अब देश और माटी के लिए कुछ करने का समय है। सभी के थोड़े-बहुत प्रयासों से बडे़ बदलाव संभव हैं।

उम्मीद के साथ ही  विश्वास है कि रामप्रस्थ ग्रींस की गाज़ियाबाद में जागरूक पहचान साल दर साल बढ़ती रहेगी ।